“मूर्ख हैं वो लोग जो मोदी-राहुल की तारीफ करने पर भक्त या चमचा का तमगा जड़ देते हैं”
सोशल मीडिया में कई ऐसे तथाकथित बुद्धिजीवी हैं, जिन्हें लगता है कि नरेन्द्र मोदी को गाली देने से उनकी बुद्धिमत्ता, निष्पक्षता ओरों से ज्यादा है। उन्हें भ्रम है कि बस वे ही सही सोच रहे हैं, उनके हिसाब से ही सब सोचें, सब बोलें, सब लिखें और सब पढ़ें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जीत पर कई लोगों को रूदालियां करते, कुंठित पोस्ट करते हुए देखा भी होगा। इन्हें लगता है कि हिंदुस्तान हार गया, जनता हार गई। पर यह भूल जाते हैं कि मोदी को जनता ने ही जिताया है। खैर विषय यह नही है। बात यह है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करना भक्त होने का प्रमाण पत्र है, या उनके बारे में पॉजीटिव लिखना नतमस्तक होना या गोदी मीडिया हो जाना है? इसी तरह राहुल गांधी को नेता बताने पर या उनकी प्रशंसा करने पर भी कई लोगों के पेट में मरोड़े उठने लगती हैं। लेकिन चुनावी गर्माहट में ट्रेंड यही चल रहा था। चुनाव के वक्त कई ऐसे मित्र हैं जो सोते-जागते मोदी को गालियां देते रहे और अनुभव करते रहे कि देशहित में उन्होंने बड़ा काम किया है। कई राहुल को पप्पू, नकारा बताकर ऐसा फील करते थे जैसे कोई बड़ी जंग जीत ली गई हो। आप जब ज...