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स्मारक इंडियंस “यादों का सफरनामा पार्ट” -12(शादियों की तैयारी विशेषांक)

स्मारक इंडियंस  “ यादों का सफरनामा पार्ट ”  -12(शादियों की तैयारी विशेषांक) वक्त के साथ कितना कुछ बदलता चला जाता है,हम तुम सबकुछ..वो यादें,वो बातें,साथ,औऱ भी बहुत कुछ,बचपन में हमारी मां हमेशा हमारे साथ हुआ करती थी,अब दोस्त औऱ आगे होने वाली हमारी जीवन संगनी..,सबकुछ क्रम से हम सब के साथ होता आ रहा है..पहले सोचते थे मां और घर वालों से कैसे दूर रहेंगे..अब दूर हैं पर किसी को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता..फिर स्मारक के बाद सोचा इन अजीज दोस्तों के से कैसे दूर रहेंगे पर बीतते वक्त ने उनके बिना भी रहना सिखा दिया। अब सब अपने काम में मशगूल है..औऱ जिंदगी के अहम पड़ाव पर अपने आपको दिशा दे रहे हैं या कहें दौड़ रहे हैं कोई आगे है तो कोई जरा सा पीछे..हांलाकि किसी को  पीछे करने का आपस में कोई कॉम्पीटिशन तो नहीं है,फिर भी हर कोई सबसे ज्यादा सफल बनना चाहता है,औऱ सही भी  है क्योंकि सफलता पाने का एक आयाम ये भी है कि आप में हमेशा किसी से आगे निकलने की होड़ लगी रहे... खैर मुद्दा सफलता असफता नहीं हैं..आज के पार्ट में मुद्दा कुछ औऱ ही है..हम सब उम्र के उस पड़ाव पर है जो एक न...