रमन सिंह इतने मौन क्यों?
रायपुर. सियासत बड़ी बेदर्द होती है, जब देती है तो इतना कि इंसान खुद को स्वंभू समझने लगता है और जब लेती है तो इंसान खुद के अस्तित्व के लिए भी जद्दोजहद करता है। 15 साल तक जो चेहरा छत्तीसगढ़ की पहचान हुआ करता था आजकल उसे ढ़ूंढ़ना पड़ रहा है। बात भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह की हो रही है, अर्श से फर्श तक कैसे पहुंचते हैं इसे डॉ रमन सिंह से बेहतर कौन समझ सकता है। जो इंसान कभी सत्ता के सिरमौर रहा वो अब खुद का वजूद बचाने की जद्दोजहद में लगा हुआ है। एक सवाल इस समय छत्तीसगढ़ के साथ ही पूरा देश पूछ रहा है कि आखिर डॉ रमन सिंह इतने मौन क्यों हैं ? विधानसभा चुनाव हुए करीब एक साल होने को है लेकिन डॉ साहब क्यों निष्क्रीय होते जा रहे हैं, चुनाव के समय भाजपा का स्लोगन था ‘ रमन पर विश्वास है, कमल संग विकास है ’ अब क्या रमन को खुद पर भरोसा नहीं रहा। क्या 15 सालों में जो विकास छत्तीसगढ़ में हुआ है वो काफी नहीं था खुद की पहचान बचाए रखने के लिए। आखिर क्यों चुनाव हारते ही डॉ रमन सिंह खुद की पहचान खोते जा रहे हैं, संगठन का भरोसा उन पर से उठता जा रहा है। एक समय था जब ...