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Showing posts from January, 2012

गणतंत्र दिवस और कुछ कही कुछ अनकही बातें ....सच के आइने में !!!!!!!!

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                                                कहा जाता है की "वक्त की सबसे अच्छी  बात ये है की वह बीत जाता है और शायद सबसे बुरी बात भी यही है" पर कुछ बातें  या घटनाएँ  ऐसी होती है  जो शायद कभी  नहीं बीतती क्यूंकि  वह हमारे दिलों से जुडी हुई है| और दिलकी ख़ुशी और गम सब दिल में ही रहे है, और वक्त आने पर अपने आप ही उभर आते है|  ऐसी ही एक ख़ुशी 15 अगस्त 1947   को हर भारत वासी को मिली जिसकी ख़ुशी वह आज भी दिल में रखे है. और उसका खुमार हर 15 अगस्त को देखने  भी मिलता है| उसके साथ ही साथ नये साल की ख़ुशी के साथ- साथ एक और ख़ुशी हमे हर साल मिलती है   और वो ख़ुशी का दिन होता है २६ जनवरी चूँकि 26 जनवरी १९५०   को ही हमारे देश का संविधान लिख कर पूर्ण हुआ था. और हर देशवासी ने शान  से अपना सर ऊँच...

भीगा मन छलकते आंसू और दम तोडती संवेदनाये !!!!!!!!!!

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                         दुनिया में सबसे सुंदर यदि कुछ है तो वह इन्सान ही है क्यूंकि  "विश्व की समस्त सुंदर वस्तुओ का सृजन मानव ने किया है, इसलिए  सृजन करता की सुन्दरता को नाकारा नहीं जा सकता क्यूंकि जब सृजन में ही सुन्दरता का वास होता है और उसको केवल सुंदर मनोभाव वाला ही कर सकता है .....चूँकि मानव के मनोभावों की यदि हम बात हम करे तो उसमे क्रोध मान  माया हास्य रति जुगुप्सा प्रेम सबका समावेश है,और उसकी अच्छी  - बुरी अभिव्यक्ति भी समय समय पर हमारे  अभिप्राय  अनुरूप होती रहती है, इसलिए कहा जाता है की परिणामो की सम्हाल करो या  अपने को  सयंमित   करो क्यों  असयन्मित  जीवन  बिना ब्रक की गाड़ी है , तो जरुरी यह है की हम खुद का परिक्षण प्रतिदिन करते रहे क्यूंकि  स्वपरीक्षण के आभाव में तुम अपने से इतने दूर हो जाओगे की अपने अस्तित्व को भी नहीं खोज पाओगे यही बात स्वामी विवेकानंद जी ने भी कही थी की "दिन में एक ब...

आज का युवा ......सिगरेट शराब और सर्वनाश..... के बीच मौत का खेल

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                        कहा जाता है की किसी भी राष्ट्र  का विकास वहां के युवाओ पर निर्भर करता , है जिस देश के युवा जितने ज्यादा  जागरूक  जोश जूनून और जज्बे से भरे होंगे उस देश की विकास दर  भी उतनी ही अधिक    होगी , इसलिए कहा जाता है युवा शक्ति राष्ट्र शक्ति होती है ....युवा  राष्ट्र  के लिए प्राण वायु है इसलिए युवाओ की जिम्मेदारी आज बहुत अधिक  बढ गई है पर शायद  इस बात का भान युवाओ में कम ही देखने को मिल रह है और आज के युवा उस राह  पर चल रहे है जिसका अंत काफी दर्द नाक और भयावह है  .....कहते है एक जिन्दगी को तवाह करने के लिए एक बुरी लत ही काफी है और शायद  वाही बुरी लत आज के युवाओ में लग गई है ...पाश्चात्य देशो की ऐसी आंधी चली  लगी की लगभग आज पूरा का पूरा युवा वर्ग उस लत  ग्रसित है   धुम्रपान सच में एक  ऐसा मीठा जहर है जो स्वाद   तो अमृत का देता  है परन्तु  काम कुछ और ही करता है, ना जाने कितनी  जिन्दग...