आम आदमी "खास"हूँ मैं ???????
आम आदमी" का इन दिनों बड़ा फैशन जनाब हर खास आम बनने को आतुर है जनाब तथाकथित सादगी का चोला पहना है सबने खास बनने की कशमकस सबके दिल में है जनाब सफेद टोपी सारे दाग मिटा देती है ऐसा कुछ भ्रम आजकल बड़ा फैला है जनाब जुबां पर खास लोगों के आम आदमी ही तो है आम आदमी तो बस इतने में ही खुश है जना फिजूल की बात है उम्मीदें औऱ बदलाब की आम आदमी तो तब, अब, सब से महरूम आज भी है जनाब.. " अव्यक्त"