इरोम तुम हार ही नहीं सकती..हारी तो ईमानदारी और इंसानियत है

जब कोई ईमानदार इंसान चुनाव में हारता है..तो वह हमारी हार होती है..प्रजातंत्र की हार होती है..इस बार मणिपुर का चुनाव भी इतिहास में याद रखा जाएगा। बीजेपी को बहुमत के लिए नहीं या कांग्रेस को झटके के लिए भी नहीं अपितु 16 सालों तक इंसानियत की लड़ाई लडऩे वाली इरोम शर्मिला के लिए। हां  90 वोट तुम्हें मिले हैं, तुम्हारी जमानत जब्त हो गई..तुमसे ज्यादा नोटा को लोगों ने पसंद किया है। लेकिन तुम हारकर भी जीत गई और हम जीतने वाले जीतकर भी हार गये।

ये चुनाव तुम लड़ ही कहां रहीं थी, ईमानदारी और इंसानियत चुनाव में खड़े थे। लेकिन जब समाज से संवेदना, संचेतना, कृतज्ञता मर जाती है न तो फिर इंसानियत जीतती कहां है। वैसे भी ये भीड़ किसकी सगी होती है जिसे चाहे सिर पर बिठा लेती है..फिर चाहे वह इनका गला ही क्यों न घोंट दे। सच में जिसे जहर पसंद है..उसके लिए अमृत का आमंत्रण फिजूल है...तुम इन लोगों कि भलाई के लिए 16 साल तक भूखी रहीं..इनके लिए संघर्ष करती रही..अपनी जवानी तुमने इन लोगों के लिए समर्पित कर दी लेकिन हमने तुम्हें क्या दिया सिर्फ 90 वोट।

अक्सर ऐसा ही होता है..बदलाव की बातें तो हम करते हैं लेकिन बदलाव पसंद नहीं करते तभी तो कोई आपको दिशा दिखाने आता है और हम उसे नकार देते हैं। जितने लोग भी हमारे लिए लडऩे आए हमने सबको हासिए पर ढकेल दिया क्योंकि हम उनके साथ दिखते तो हैं पर साथ नहीं देते नहीं हैं। फिर जब हमारे ऊपर अन्याय होता है तो हम होहल्ला मचाने लगते है..सोशल मीडिया पर युध्द छेड़ देते हैं। पर इन सबसे होगा कुछ नहीं। जब तक हमारे वोट में खोट रहेगा तब तक बदलेगा कुछ नहीं।

इरोम हमें तुम पर जितना गर्व है..खुद पर उतनी ही शर्मिंदगी भी है..हम क्यों नहीं तुम्हारे संघर्षों को समझ पाए और उन छद्म लोगों को अपना वोट दे बैठे जो हमें वोट मशीन से ज्यादा कुछ नहीं समझते। खैर हम खुद नहीं चाहते यह देश तरक्की करे, खुशहाल हो, विकासशील हो...हम सब मूरख है..टीवी देखकर और पेपर पढ़कर ही सोचते हैंं..वो जो कहते हैं उसे ही सच स्वीकार्य कर लेते हैं..हमने इनसे इतर कभी सोचा ही नहीं यदि सोचा होता तो इरोम हारती नहीं..बल्कि आज वो अपने जन्मदिन पर खुशी मना रही होती...खैर तुम कभी हार नहीं सकती क्योंकि तुम्हें हमेशा लडऩा आता है..और यहीं एक चीज तुम्हें विजेता बनाती है..बनाती रहेगी।


Comments

Popular posts from this blog

विश्वास में ही विष का वास है

मानव जीवन का आधार शुद्ध आहार शाकाहार

गणतंत्र दिवस और कुछ कही कुछ अनकही बातें ....सच के आइने में !!!!!!!!