मानव जीवन का आधार शुद्ध आहार शाकाहार


शाकाहार क्यों जरूरी?


  • ·         भगवान महावीर के अनुयाई जिन्होंने अंहिसा को ही परम धर्म कहा है, उनके मानने वाले लोग मांसाहारी कैसे हो सकते हैं।
  • ·         दुनियां के उत्कृष्ट कोटि के चिकित्सकों और वैज्ञानिकों का कहना है कि शाकाहार भोजन पद्धति सर्वश्रेष्ठ है। वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध किया है कि शाकाहार भोजन में भोजन तन्तु अधिक पाये जाते हैं।
  • ·         आदमी को, स्वाभाविक रूप से, एक शाकाहारी होना चाहिए, क्योंकि पूरा शरीर शाकाहारी भोजन के लिए बना है। वैज्ञानिक इस तथ्य को मानते हैं कि मानव शरीर का संपूर्ण ढांचा दिखाता है कि आदमी गैर-शाकाहारी नहीं होना चाहिए।


शाकाहारियों के बीच शाकाहार की बात क्यों की जाती है?
  • -यह सवाल आप सभी के मन में उठना जायज है कि हम तो शाकाहारी हैं फिर हमें क्यों इसके गुणदोष बताए जा रहे है?
  • कारण
  • ·         हम संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे वाले विज्ञापन समय में जी रहे हैं
  • ·         हमारी सोसाइटी में अधिकतर लोग मांसाहारी ही हैं
  • ·         हमारा उठना बैठना मांसाहारियों के साथ ही है
  • ·         स्कूल. ऑफिस सभी जगह हमें ऐसे लोग मिलते हैं
  • ·         फिल्मों से लेकर ज्यादातर सेलीब्रिटी मांसाहार खाते हैं
  • ·         आप जन्म से शाकाहारी बनें हैं


मांस खाने से हम ताकतवर होते हैं क्या?
  •       हाथी क्या ताकतवर नहीं है?
  •       घोड़ा ताकतवर नहीं है क्या
  •       मांसाहारी भी शाकाहारियों को ही खाते हैं
  •       कुत्ते-शेर को कौन खाता है
  •       हमारा शरीर शाकाहारी भोजन के लिए ही बना है
  •       मांसाहार करने से ताकतवर नहीं, हमारी उम्र कम हो जाती है
  •       शरीर में कई सारे रोग हो जाते हैं

अंडा तो शाकाहारी है न?
  • ·         हम मार्केंटिंग के ऐसे दौर में जी रहे हैं जहां जहर भी दवाई के नाम से बिक रहा है
  • ·         सब्जियों की तरह अंडा पेड़ पौधों पर नहीं उगता
  • ·         वो मुर्गियों का ही अंश है
  • ·         उसमें जीव रहता है
  • ·         जब विज्ञानिक पेड़-पौधों में जीव होना मान चुके हैं तो फिर अंडे में कैसे जीव नहीं होगा?

मांसाहार से होने वाले रोग
  1. ·         ह्रदयरोग व उच्चताप, एपीलैपसी मिर्गी, आंतों का अल्सर, गुर्दे की बीमारियांकैंसर, आंतों का सड़ना
  2. ·         स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क, बफैलो में की गई शोध से यह प्रकाश में आया कि
  3. ·         अमरीका में 47000 से भी अधिक बच्चे हर वर्ष ऐसे जन्म लेते है, जिन्हें माता पिता के मांसाहारी होने के कारण कई बीमारियां जन्म से ही लगी होती हैं और ये बच्चे बड़े होने पर भी    पूर्णत: स्वस्थ नहीं हो पाते।
  4. ·         ब्रिटेन के डा. एम. रॉक ने एक सर्वेक्षण अभियान के बाद यह प्रतिपादित किया कि शाकाहारियों में संक्रामक और घातक बीमारियां मांसाहारियों की अपेक्षा कम पाई जाती हैं। वे मांसाहारियों की अपेक्षा अधिक स्वस्थ, छरहरे बदन, शांत प्रकृति और चिन्तनशील होते हैं।
  5. ·         ग्वालियर के दो शोधकर्ताओं डा. जसराज सिंह और श्री सी. के. डवास ने ग्वालियर जेल के 40 बन्दियो पर शोध, कर यह बताया कि 250 मांसाहारी बन्दियों में से 85070 चिड़चिड़े स्वभाव के व झगड़ालू टाइप के निकले जबकि बाकी 150 शाकाहारी बन्दियो में से 90070 शांत स्वभाव के और खुशमिजाज थे।

कुछ सवाल जिनका जवाब जानना जरूरी है
  • ·         हम मांस नहीं खाएंगे तो पूरी पृथ्वी पर जीव-जंतुओं की संख्या बढ़ जाएगी?
  • ·         2.जब हम शाकाहार मांसाहार दोनों को पचा सकते हैं तो दोनों क्यों न खाएं?
  • ·         3.क्या मेरे मांसाहार छोड़ने से जीव हत्या खत्म हो जाएगीँ?
  • ·         4.विज्ञानिकों के अनुसार पेड़ पौधों में भी जीवन है तो फिर मांसाहार व शाकाहार में अंतर क्या रहा?
  • ·         5.दवाईयां तो मांस से ही बनती हैं, फिर वैसे खाने में क्या दिक्कत है?
  •  

जैन धर्म के अनुसार शाकाहार
  •       जहां सारे धर्मों की अहिंसा खत्म होती है वहां जैन धर्म की अंहिसा शुरू होती है
  •       जैन धर्म में तो रागादि भावों का उत्पन्न होना हिंसा है, न होना अंहिसा है
  •       त्रसकारक, बहुकारक, अनिष्टकारक, अनुपसेव्य, नशाकारक इन पांच प्रकार के आहार का त्याग बताया है।
  •       जैन धर्म सिर्फ शाकाहार के साथ श्रावाकाचार को भी स्वीकार करता है, जिसमें   जमीकंद का भी त्यागी होना बताया है।


महापुरूषों की दृष्टि में शाकाहार
  • जैन धर्म- जैन धर्म का मुख्य सिद्धांत ही अहिंसा है। हिंसा दो प्रकार की है- भाव हिंसा और द्रव्य हिंसा। किसी जीव को मारना द्रव्य हिंसा और मारने या दुःख देने का विचारमात्र मन में आना भाव हिंसा है। 
  • हिंदू- विष्णुपुराण के अनुसार जो मनुष्य जिस पशु को मारता है, वह उस पशु के शरीर में जितने रोग हैं, उतने ही हजार वर्ष तक नरक में घोर दुःख भोगता है।
  • बौद्ध धर्म में पंचशील अर्थात सदाचार के पाँच नियमों में प्रथम और प्रमुख नियम किसी प्राणी को दुःख न देना है।  
  • सिख- शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी द्वारा छपवाये गये गुरु साहब के हुक्मनामे के अनुसार मांस, मछली, प्याज, शराब आदि नशीले पदार्थ खाने की सख्त मनाही है। सभी सिख गुरुद्वारों में लंगर में शाकाहार ही बनता है।
  • इस्लाम धर्म- इस्लाम के सभी संतों-शेख इस्माईल, ख्वाजा मोइनद्दीन चिश्ती, हजरत निजामुद्दीन औलिया, बूअली कलन्दर आदि ने नेकरहमी, आत्मसंयम, शाकाहारी भोजन तथा सबके प्रति प्रेम का उपदेश दिया था। उनका कहना था कि अगर तू सदा के लिये स्वर्ग में निवास पाना चाहता है, तो खुदा की सृष्टि के साथ दया हमदर्दी का बर्ताव कर 
  • ईसाई धर्म- ईसामसीह की शिक्षा के दो प्रमुख सिद्धांत हैं :-Thou Shall Not Kill और Love Thy Neighbour अपने पडोसी से प्यार करो।


मांस खाने से हम ताकतवर होते हैं?
  •       हाथी क्या ताकतवर नहीं है?
  •       घोड़ा क्या कम ताकतवर है
  •       मांसाहारी भी शाकाहारियों  को ही खाते हैं
  •       मांसाहारी अकेले रहते हैं, शाकाहारी झुंड में
  •       हमारी मांसपेशियां शाकाराहारी खाना खाने के अनुरूप है


हमारी जिम्मेदारी क्या है

      हम अपने-अपने स्तर पर शाकाहार का प्रचार करना शुरू करें, पहले खुद निर्णय करें कि मांसाहार बुरा क्यों है?
      हम डिब्बा बंद खाना खा रहे हैं, ऐसे में हम कुछ खाते जा रहे हैं, मार्केट में हमें उसका अलटर्नेट ऑप्शन तैयार करना होगा।
      चार तरह से कोशिश करें
      डॉक्टर शाकाहार की सलाह दें
      व्यवसायी शाकाहार से बना माल तैयार करें
      विद्वान, मुनिराज शाकाहार के फायदे बताएं
      बाकि सधर्मी शाकाहार की बात जन-जन तक पहुंचाएं।
      यह अंहिसा धर्म की रक्षा का बड़ा काम है, महावीर की वाणी का प्रचार है क्योंकि यदि इस दुनिया को बचाया जा सकता है तो वो सिर्फ अंहिसा ही है।







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