जाने कहा गये वो दिन .......[यादो का सफरनामा पार्ट -२]
" ये वक्त तू क्यों नहीं ठहर जाता बस यही
मुझे तेरे बीत जाने का बहुत अफ़सोस होगा
तेरे जाने के बाद सबकुछ साथ है हो तो क्या
मेरा अपना ना कोई तब मेरे साथ होगा "
बस ऐसे ही ना जाने क्यों मन शायर सा हो गया था और लोग सच ही कहते है जब
मोहब्बत हो जाती है |तो शायरी तो अपने आप ही आ जाया करती है |और यह बस वहि हुआ| यहाँ मैं
अपनी बात नहीं कर रहा हूँ क्योंकि मुझे तो बचपन से ही शायरी करने का शौक था|
मगर मेरे बाकी "एच ग्रुप" के लोग भी शायरी करने लगे थे,जिसका मुझे बड़ा आश्चर्य होता था | अभी आपको दो दिन पहले
की ही बात बताऊ जैसे ही हमने शालिनी और खुशबु को विदा किया उनके जाने के
बाद ह्रदेश और अमिताभ के सन्देश पड़ कर तो में आश्चर्य में पड़ गया की आखिर
इन्हें हो क्या गया है| यह क्यों आज इतने सेंटी हो रहे है |मेने बहुत समझाया
उन्हें की भाई कोई बात नहीं सब फिर कही ना कही तो मिलेंगे ही दुनिया गोल
है आखिर कार उन्हें बड़ी मुश्किल से यह बात समझ में आई पर हमेशा की तरह मुझे कोई समझाने वाला
नहीं मिला और मुझे फिर वही गाना याद आया की "दुनिया का गम देखा तो में
अपना गम भूल गया "तब कही जा कर दिल को चैन आया और सुकून से सो पाया |
सच में विदाई के पल बहुत अजीब होते है समझ ही नहीं आता है की हसे या
रोये क्या करें ....पर उस वक्त की तकलीफ तो विदा होने वाला और विदा करने
वाला ही समझ सकता है क्योंकि बाबा अव्यक्त ने कहा है "घायल की गति घायल
जाने" |और भाई बाबा अव्यक्त जो भी बोलते है वो ऐसे ही नहीं होता बड़ा ही
अजब गजब होता है ,खैर यह सब छोडिये बहुत सारी गाथा है ,हमारे दोस्तों की
उसे कह दूँ फिर बाकी की बात होगी ही |मैंने आप लोगो का परिचय तो पहले ही
दुनिया के अदभुत ,खूंखार ,प्राणियों से करा ही दिया है ,वो इसलिए क्योंकि
इनके दर्शन बहुत दुर्लभ है वैसे हम सब दुर्लभ प्रजाति के ही जीव हुआ करते
थे |आप सोच रहे होंगे की में क्या लिख रहा हूँ कुछ समझ ही नहीं आ रहा है
दरअसल लोग हमें नहीं समझ पाए आज तक की किसका टाका किसके साथ है तो फिर
हमारी बाते और हमारे बारे में समझना तो बड़ी टेडी खीर है |
चलिए मुद्दे पर आता हूँ, हुआ यूँ की "आशाओं का हुआ खत्म दिली तमन्ना बड़ी रही "की तर्ज़ पर हमारी चुलबुली शालिनी बहुत सारे दिलो को तार तार करके शादी कर ली और मजाक मजाक में हम लोगो ने भी उसे ढेर सारी मुबारकबाद दे डाली यहाँ तक की शादी में भी गये और बहुत मस्ती भी की उसी समय खुशबु का भी स्टार न्यूज़ में interviwe था उसके लिए भी हमने बहुत शुभ कामनाये की बहुत ख़ुशी थी की दोनों को एक साथ बहुत ख़ुशी मिल गई है और उनके साथ हम भी खुश थे क्योंकि असल में एकदूसरे की ख़ुशी ही हम सबकी ख़ुशी हुआ करती थी |सब कुछ बहुत अच्छा गुजर रहा था, रिश्ते परवान चढ़ रहे थे और हम सब ख़ुशी ख़ुशी जिन्दगी को जिए जा रहे थे |
मौज मस्ती करते करते पता ही नहीं चला कब परीक्षा का समय आ गया ,पर आप सोच रहे होंगे की उस समय हम परीक्षा को लेकर सिरियस हो गये होंगे पर हम और सिरियस हो जाये तो यह तो हमारे उसूलो के खिलाफ हुआ करता था | और यदि कोई सिरियस होना भी चाहे तो खुशबु मेम उसकी जान ले ले क्योंकि उन्हें तो सब हस्ते मुस्कुराते चेहरे ही अच्छे लगा करते थे इसलिए वो पेपर करते हुए भी मस्ती किया करती थी और इसलिए हम सब हाथ जोड़ कहा करते थे की देवी तुम तो धन्य हो और वो मेडम भाव खाने लगती थी, क्योंकी |उन्हें अपनी तारीफ सुनने की बहुत बड़ी बीमारी हुआ करती थी |
चलिए मुद्दे पर आता हूँ, हुआ यूँ की "आशाओं का हुआ खत्म दिली तमन्ना बड़ी रही "की तर्ज़ पर हमारी चुलबुली शालिनी बहुत सारे दिलो को तार तार करके शादी कर ली और मजाक मजाक में हम लोगो ने भी उसे ढेर सारी मुबारकबाद दे डाली यहाँ तक की शादी में भी गये और बहुत मस्ती भी की उसी समय खुशबु का भी स्टार न्यूज़ में interviwe था उसके लिए भी हमने बहुत शुभ कामनाये की बहुत ख़ुशी थी की दोनों को एक साथ बहुत ख़ुशी मिल गई है और उनके साथ हम भी खुश थे क्योंकि असल में एकदूसरे की ख़ुशी ही हम सबकी ख़ुशी हुआ करती थी |सब कुछ बहुत अच्छा गुजर रहा था, रिश्ते परवान चढ़ रहे थे और हम सब ख़ुशी ख़ुशी जिन्दगी को जिए जा रहे थे |
मौज मस्ती करते करते पता ही नहीं चला कब परीक्षा का समय आ गया ,पर आप सोच रहे होंगे की उस समय हम परीक्षा को लेकर सिरियस हो गये होंगे पर हम और सिरियस हो जाये तो यह तो हमारे उसूलो के खिलाफ हुआ करता था | और यदि कोई सिरियस होना भी चाहे तो खुशबु मेम उसकी जान ले ले क्योंकि उन्हें तो सब हस्ते मुस्कुराते चेहरे ही अच्छे लगा करते थे इसलिए वो पेपर करते हुए भी मस्ती किया करती थी और इसलिए हम सब हाथ जोड़ कहा करते थे की देवी तुम तो धन्य हो और वो मेडम भाव खाने लगती थी, क्योंकी |उन्हें अपनी तारीफ सुनने की बहुत बड़ी बीमारी हुआ करती थी |
अब हम सिरियस होने की जगह
और ज्यादा घुमक्कड़ हो गये थे और रोज कुछ तूफानी करने का प्लान किया करते
थे ,तभी दिल
में ख्याल आया की क्यों न दिल के जितने भी कीड़े मारने रह गये है उन्हें
भी
मार लिया जाये |बस फिर क्या था कभी एकांत पार्क ,तो कभी शाहपुरा लेक .कभी
सी. सी. डी. बस हर रोज पड़ने के नाम से कॉलेज जाया जाता और फिर जाकर जो
मस्ती की जाती थी उसे तो सिर्फ हम लोग ही जानते है |और यदि जब कभी यदा
कदा पड़ने का मन भी हो गया तो खुशबु
का घर तो थी ही पाठशाला हमारी ....पर घबराइए नहीं पढाई की नहीं मस्ती की
पाठशाला जहाँ हमेशा भोजनशाला चालू रहा करती थी बस खाओ खाओ और पड़ते जाओ वो
भी इस तरह की कोई एक भागवत कथा की तरह पड़ता जाता था और सब टकटकी लगाय
सुनते रहते थे और सोचते थे कि साला ये भी कोर्स में है क्या ..तभी शालिनी
ह्रदेश को बोलती तू भी पडले तुझे कुछ समझ आ रहा है की नहीं |मैं बड़ा
सिरियस हो
कर पड़ने बैठता मगर ये दिल तो हरामखोर था ,कैसे शांति से पड़ लेता खुशबु को
देख कर जो हसी अति थी
की पढाई लिखाई एक तरफ रखी रह जाती थी |फिर शालिनी खुशबु को अलग बिठाती और
हम फिर पड़ने बैठ जाते |तभी पता नहीं बब्बू की याद कहा से आ जाती और जैसे
ही
बब्बू बीच में आता सब पढाई लिखाई बंद ,किताब बंद और हम चाय पी कर अपने
अपने घर निकलने लगते |जैसे ही बाहर निकलते बाहर भी वही बाते चालू हो जाती
और
पता चला की एक घंटा वही खड़े हो कर बाते चल रही होती है ....तभी अंदर से
आवाज़
अति है शानू अंदर बैठकर बाते कर लो ,तब हम कहते थे हा आंटी बस जा रहे है
....अरे आप सोच रहे है की बब्बू कौन है उसे में अगले लेख में बताऊंगा अभी
उसे बीच में नहीं लाऊंगा वर्ना वो पूरा लेख खा जायेगा||
बस इसी तरह जिन्दगी बड़ी ही सुकून और मस्ती के साथ चल रही थी जहा सिर्फ खुशियों की बरसात हुआ करती थी |हर दिन हजारो कसमे वादे एकदूजे को हम किया करते थे |रूठना मनाना रोज का काम था ,सच में हम लोग एकदूसरे के इतने करीब आ गये की हमे पता ही नहीं चला की कुछ दिनों बाद हम सब बिछुड़ने वाले है क्योंकि" जब रिश्ते परवान चढ़ जाते है न तो उनके बिछुड़ने का वक्त आ जाता है 'शायद खुदा को हम लोगो का इतने दिनों का ही साथ मंजूर था |सच में कुछ रिश्ते ऐसे होते है जिनके बिना जिन्दगी जीना असंभव सी लगती है ऐसा लगता है की मनो उनके बिना कुछ हो ही नहीं |सब दुनिया के लोग साथ होते है पर वो सब अपने लोग जिन्हें हर दिल की धडकने वाली धड़कन के साथ याद किया जाता था |खाना पीना उठना बैठना सब जिनके साथ होता था जिन्दगी में एक दिन ऐसा भी आता है जब सिर्फ और सिर्फ हम अकेले होते है बहुत सारी यादो के बोझ को कंधे पर लिए हुए | |सच में वो पल अब हर पल याद आते है जिन्हें हमने साथ जिया है | किसी ने सही कहा है की वो ही यादें आपको रोने पर मजबूर करती है जिन्हें शायद आप कभी दुबारा नहीं जी सकते |खैर वक्त ने तो अपना काम कर ही दिया है ,अब हम सब बिखरे हुए तारो की तरह असमान में चमक रहे है एकदूजे को अपने में समेटे हुए और बस इसी उम्मीद के साथ की कभी न कभी तो वक्त का पहिया घूमेगा और हम फिरसे से जिन्दगी को जिन्दगी की तरह जी पाएंगे ...........
"दिल के किसी कोने में वो आज भी हैं
वो गुजरे वक्त की ख़ुशी वो गम आज भी है
हम जहाँ भी रहेंगे दिलों में हमेशा रहेंगे
मुझे अपने दोस्तों पर नाज आज भी है "
बस इसी तरह जिन्दगी बड़ी ही सुकून और मस्ती के साथ चल रही थी जहा सिर्फ खुशियों की बरसात हुआ करती थी |हर दिन हजारो कसमे वादे एकदूजे को हम किया करते थे |रूठना मनाना रोज का काम था ,सच में हम लोग एकदूसरे के इतने करीब आ गये की हमे पता ही नहीं चला की कुछ दिनों बाद हम सब बिछुड़ने वाले है क्योंकि" जब रिश्ते परवान चढ़ जाते है न तो उनके बिछुड़ने का वक्त आ जाता है 'शायद खुदा को हम लोगो का इतने दिनों का ही साथ मंजूर था |सच में कुछ रिश्ते ऐसे होते है जिनके बिना जिन्दगी जीना असंभव सी लगती है ऐसा लगता है की मनो उनके बिना कुछ हो ही नहीं |सब दुनिया के लोग साथ होते है पर वो सब अपने लोग जिन्हें हर दिल की धडकने वाली धड़कन के साथ याद किया जाता था |खाना पीना उठना बैठना सब जिनके साथ होता था जिन्दगी में एक दिन ऐसा भी आता है जब सिर्फ और सिर्फ हम अकेले होते है बहुत सारी यादो के बोझ को कंधे पर लिए हुए | |सच में वो पल अब हर पल याद आते है जिन्हें हमने साथ जिया है | किसी ने सही कहा है की वो ही यादें आपको रोने पर मजबूर करती है जिन्हें शायद आप कभी दुबारा नहीं जी सकते |खैर वक्त ने तो अपना काम कर ही दिया है ,अब हम सब बिखरे हुए तारो की तरह असमान में चमक रहे है एकदूजे को अपने में समेटे हुए और बस इसी उम्मीद के साथ की कभी न कभी तो वक्त का पहिया घूमेगा और हम फिरसे से जिन्दगी को जिन्दगी की तरह जी पाएंगे ...........
"दिल के किसी कोने में वो आज भी हैं
वो गुजरे वक्त की ख़ुशी वो गम आज भी है
हम जहाँ भी रहेंगे दिलों में हमेशा रहेंगे
मुझे अपने दोस्तों पर नाज आज भी है "
sach kaha hum kabhi kisi ko bhul nhi skte....
ReplyDeletena un yadon ko na yaron ko