शिक्षक दिवस पर गुरुजनों को समर्पित !!!!!!

 जीवन  शुरू  तुमसे  तुम मे ही  विलय  होता
रहे गुरुवर की शरणा तो  मुसफ़िर पथ नहीं खोता
इन्ही की राह पर  चल कर हमें जीवन बनाना है
इसी बुनियाद पर यारो चलता ये जमाना है ||१||
.तू ब्रम्हा तू ही विष्णु  तू ही महेश बन जाता
रहे गुरुवार की शरणा तो कंकर शंकर बन जाता
तू तम दूर करता है जलाकर ज्ञान की ज्योति
जो तेरा आशीष पा जाता   पतित वो  पावन हो जाता||२||
सभी निर्वाण और विध्वंस गुरु की गोद में खेले
प्रभु से वह मुखातिब  हो गुरु के साथ जो होले
यही वो मेघ है जो ज्ञान की वर्षा सदा करते
ये बरसे तो नहा लेना ये बदल जाने वाले है ||३||

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