मेरे जैन भाईयों...समस्या नहीं समाधान देंखे
शिखर जी को लेकर जो हमने जो एकजुटता दिखाई वो वाकई काबिले तारीफ है, हम दुकान छोड़कर अपने तीर्थों के लिए सड़कों पर उतरे सरकार को मीडिया को हमने सोचने पर मजबूर किया, निश्चित तौर पर यह हमारी ताकत का असर है। हम जो चाहते थे, पूरा न सही, कुछ तो हमें मिला और हम इस चिंता से मुक्त हुए कि अब शिखर जी पर्यटन क्षेत्र नहीं बनेगा। इस पूरे प्रकरण को जब आप हम देखते हैं, तो एक तरह से लाभ-हानि दोनों दिखते हैं। लाभ क्या हुआ,यह सामने है। लेकिन इससे हानियां क्या-क्या होंगी इसका अंदाजा शायद हम आप फिलहाल न लगा पाएं। जब आप एकजुटता दिखाने लगते हैं, तो आपके सामने जो भी हो वो भी एकजुट होने लगता है। क्योंकि वो देखता है कि यदि वो एकजुट नहीं हुए तो वो भी खतरे में पड़ जाएंगे। शिखरजी को लेकर जैन समाज पूरे देश में चर्चा का विषय है। हमारी संख्या कितनी है, हम किसी से छुपा नहीं है। हम, हमारे तीर्थ सुरक्षित तब तक हैं, जब तक वो फोकस के बिंदू नहीं, उनकी नजर आप पर नहीं है। हम आप अभी तक इसलिए बच जाते हैं कि अभी तक वो हमें आपको अपना हिस्सा ही समझते हैं। बाकि एक समुदाय विशेष से उनकी लड़ाई, समुदाय विशेष का डर,फिलहाल हमें बचाए रखत...