मोहब्बत....
बस खामखाँ परेशानियों की घुटी पिला दी
बहुत सपने देखे थे रातों को मुहब्बत के
सुबह के सूरज ने उसकी हकीकत बता दी
प्रमिका के साथ गुजारे लम्हों और यादों ने
जिन्दगी के अनमोल वक्त को तबाह कर दिया
और बेचेनी और तडपन भरी दुनिया दिखादी
अब तो खामोशियाँ भी खामोश नहीं होने देती
खामोशियों ने ही मोहब्बत की दास्ताँ दुनिया को सुना दी
अब बस गुमशुम उदास रहता हूँ मोहब्बत करके
मोहब्बत के कारण दुनिया ने मुझे नाकारा समझा
यही मोहब्बत करने की मुझे दुनिया ने सजा दी !!!!!!!!!!
यही मोहब्बत करने की मुझे दुनिया ने सजा दी !!!!!!!!!!
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