!!!!!!!!!!!!!!!!!!!जब सत्य की आंधी चलती है!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

                               कहते है सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं यह बात मिस्त्र में हुए क्रन्तिकारी              आन्दोलन  से सही भी साबित  हो गई मिस्त्र की क्रांति ने दिख दिया की जब जनता बोलती है  या जनता  जब        जगती है तो दुनिया  का कितना भी शक्तिसाली साम्राज्य क्यों नहो या कितना ही बड़ा तानशाह क्यों  न हो सभी    की जड़े  हिल जाती है क्युकी सत्य की  एक आंधी असत्य के पहाड़  को दहा  देती है! जरूरत होती है तो बस जनता की एकजुटता की बाकि तो सब कार्य अपने आप ही  हो जाया करते है मिस्त्र के क्रन्तिकारी आन्दोलन ने दुनिया को दिखा दिया की कैसे अपनी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष  किया जाये भले ही क्रांति के दोरान मिस्त्र को बहुत सी समस्यों का समना करना पड़ा हो उसके  कुछ लोगो  को अपने प्राणों की आहुति क्यों न देनी पड़ी हो  पर संघर्स के बाद जो सूर्य  उदित होता है तो हुस्नी मुबारक जैसे तानाशाहों का अन्धकार पूर्ण साम्राज्य काल  के गल में स्म जाता है!  
                           वास्तव में १२ फरबरी को को जो सूर्य मिस्त्र में उदित हुआ उसमे नया जोश जूनून उत्साह को लेकर हुआ जिसने ३० वर्ष की गुलामी जंजीर तोड़ दी और पुरे मिस्त्र ने आजादी की साँस ली हनी मुवारक लगातार ३० सालो   तक  जनता का शोसन करता रहा लगता है! सायद १२फ़र्बरि को ही वहा के लोग शांति साँस  ले सके होंगे 
               पर ये तो सच ही है की असत्य किता ही बलवान  क्यों न हो मप्र एक दिन तो उसकी दुर्गति होती ही है क्युकी जब असत्य   पर से पर्दा उठता है तो उसका परिणाम इतना भयाभय होता  है, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती !और यह महज मिस्त्र की बात नहीं है ,यह  बात तो इतिहास के हर एक पन्ने पर लिखी है की असत्य की जित कभी नहीं हुई हा असत्य कुछ समय तक  राज्य तो कर  सकता है पर वह सास्वत नहीं हो सकता चाहे वह कंश हो रावन  हो या फिर आज का हिटलर या मुसेलिनो हो क्यों न हो सब एक दिन मिटटी  समाए समां jat जाते है क्युकी सत्यमेव  जयते!!! 
              यह तो महज मिस्त्र में उठी छोटी सी चिंगारी है अभो तो आग पुरे विश्व में फेलेगी जिससे हर देस एक अच्छा  रास्ट्र बन पयेगा और आज जरूरत भी इसी आंधी की  है, जिससे हर देश की भ्रस्टाचारी  मिट सके और हर राज्य सुखमय जीवन का निर्वाह कर सके अब तो सच में यही होगा......"लो रोको तूफान चला रे तानशाहो के महल दाहता ,भ्रस्टाचारीयो  को  कफ़न उडाता लो रोको तूफान चला रे!!!!!!!!!! 

Comments

  1. सच की हमेशा ही जीत होती है...
    http://abhidilbate.blogspot.com/)

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  2. "सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं" - अक्षरशः: सत्य - प्रशंसनीय प्रस्तुति - साधुवाद

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