पब्लिक सिटी के शंहशाह...पार्टी के बादशाह..मोदी औऱ राहुल..चुनावी रण में क्या होगा अंजाम...शह या मात ????


देश में महाभारत की तैयारियां चल रही है। सब अपनी अपनी  सेना को संवारने में लगे हैं..एक तरफ कौरवो की सेना कांग्रेस है तो दूसरी तरफ पांडवो की सेना बीजेपी..युध्द की तैयारियों के लिए जगह जगह गुप्त सभाएं की जा रही है..जनता को जोड़ा जा रहा है..लुभावने सपने दिखाकर लोगों को सेना मे शामिल किया जा रहा है तो कहीं दंगे फसाद कराके,जाति का आधार दिखाकर सेना की विस्तार किया जा रहा..जिसे देखकर लगता है..कि सच में महाभारत को युध्द से भी भयानक युध्द होने की संभावना जताई जा रही है..औऱ महाभारत की तरह अब एक संजय नहीं बहुत से संजय भी युध्द का आंखो देखा हाल दिखाने को तैयार हो गये है...

अब यदि कुछ बाकि है तो वह है..सेनापतियों की घोषणा..दोनों ही तरफ से जनता ने दो सेनापतियों क  नाम घोषित कर दिए है..लेकिन अभी पार्टी के आलाकमान ने हरि झंडी नहीं दिखाई है..औऱ उनकी हरि झंडी बिना सेनाध्यक्षों के नाम की घोषणा नामुमकिन है..खैर हमें तो जनता द्वारा घोषित सेनाध्यक्षों को बात करना है..सबसे पहले बात नरेन्द्र मोदी की करनी है..वैसे उनकी बात करने की जरूरत नहीं है..क्योंकि आजकल उनका नाम इतना ज्यादा खबरों में है कि उनसे बचपन से पचपन तक के सभी वर्ग के लोग उन्हें जानते भी हैं..औऱ उन्होंने गुजरात में ऐसा कुछ करके भी दिखाया है कि लोग उन पर भरोसा करने लगे है कि यदि उनके देश की नैया पार लगा सकते है तो वो नरेन्द्र मोदी है..क्योंकि रूपए की गिरती सेहत,मंहगाई की मार,औऱ भ्रष्टाचार और घोटालों की भरमार ने मौजूदा सरकार पर इतने सवाल खड़े कर दिए है..कि  जनता परिवर्तन चाहती है..औऱ इन्हीं सबके बीच तरक्की का रास्ता दिखाया नरेन्द्र मोदी ने तो एक पहलू ये औऱ दूसरा पहलू उनके द्वारा की जा रही खुद की मार्केटिंग ने मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर जैसे बिठा दिया..इसलिए तो उनकी सभाओं में प्रधानमंत्री की सभाओं से भी ज्यादा भीड़ इकठ्ठी होती है..

सोशल नेटवर्किंग साइट पर जहां मोदी का मायाजाल फैला है..वहीं कांग्रेस के युवराज भी पीछे नहीं हैं ..हांलाकि उन्हें पब्लिकसिटी करने की जरूरत नहीं है..क्योंकि जबसे वो पैदा हुए हैं..जब से ही लोगों ने कहना शुरू कर दिया था कि ये देश के प्रधानमंत्री बनेंगे..औऱ हर बार राहुल के प्रधानमंत्री बनने की हवाए भी चलती हैं..कभी युवा नेतृत्व के नाम पर तो कभी एजूकेटेड के नाम पर..लोगो की जुबान पर फिलहाल तो दो लोगों को ही प्रधानमंत्री बनने की बात है...क्योंकि वो मनमोहन सिंह के मौन रहने वाले रवैए से इतने तंग आ चुके हैं..कि अब वो किसी ऐसे प्रधानमंत्री को चाहते है..जो देश की दिशा दशा बदल दे....

खैर अभी मोदी और राहुल के नाम पर मुहर तो नहीं लगा है..लेकिन दोनों के नाम से शीत युध्द शुरू हो गया है..औऱ बयानों के वाण रोज चलाए जा रहे है..कभी राहुल को पप्पू कहा जा रहा है तो कभी मोदी को हत्यारा बढबोला..पर फर्क किसी को कुछ नहीं पढ़ रहा है..बस चुनावी युध्द की तैयारियां चल रही है...हर पार्टी पूरी दमखम के साथ मेहनत में लग गई है,..और अब महाभारत के इस युध्द में शह या मात किस की होती है ये देखने वाली बात होगी....
                        

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