“आप” की पार्टी “आप” की सरकार...मान गए केजरीवाल..
सच
में चाणक्य का वो वाक्य आज जितना सच प्रतीत हो रहा है उतना कभी नहीं हुआ “ असंभव
कुछ भी नहीं होता“वास्तव में कुछ भी नहीं।सब संभव है बस निर्भर
करता है। हमारी संकल्पशक्ति पर,हमारी सोच पर,दृष्टिकोण पर हमारी उम्मीद और भरोसे पर,पूरी कायनात में परिवर्तन संभव है।जिसे आज परिवर्तन एनजीओ चलाने वाले शख्स
ने बता दिया,औऱ दिखा दिया सारी दुनिया को सबकुछ बदल सकता है,आप कोशिश करके तो देखो,हर कोशिश सफल होती है बसर्ते
उस कोशिश में लग्न,उम्मीद,नियत,भरोसा समाहित हो,दुनिया की कोई ताकत उसे पूरा होने
से नहीं रोक सकती।
अरविंद
केजरीवाल ने आज ना जाने कितने सवालों के जवाब दे दिए और देश को एक नई दिशा दिखा दी
जो भारत को सही दशा देने की शुरूवात है।भले ही आप की सरकार दिल्ली में अब बनने जा
रही हो।पर लोगों के दिलों में तो आप की सरकार कब की बन गई।क्योंकि केजरीवाल ने
बताया है देश के आम लोगों को उनकी देश के प्रति भूमिका क्या है,देश के प्रति कर्तव्य क्या है।लोगों को अहसास कराया है लालबत्तियों में
घूमने वाले लोग कुछ अलग नहीं होते वो भी हम में से ही होते हैं।पर शायद भूले जाते
हैं कि वो भी कभी आम लोग थे,या फिर से आम इंसान बनकर रह
जाएंगे,पर वक्त सब जानता है,हमेशा
बदलता है,और इंसान को उसकी ओकाद का भान भी करा देता है,क्योंकि सत्ता की चकाचौंध इंसान को सिर्फ वही दिखाती है जो वो देखना चाहता,जिसमें सिर्फ उसका भला छिपा होता है,पर चकाचौंध से
चौंधयानी आंखो को जब सत्य का सूरज दिखाई पड़ता है तब समझ आता है कि में क्या हूँ
मेरी हस्ती क्या है.और फिर वही होता है जो शीला दीक्षित और उनके मंत्रियों के साथ
हुआ।
दिल्ली
में आप की जीत महज आप की जीत नहीं विश्वास की जीत है,हमारे तुम्हारे लिए उम्मीद की
जीत है,और उन सभी राजनेताओं की हार है जो राजनीति को दलाली
औऱ अपनी जागीर समझते हैं।जो मानते हैं कि देश चलाने का ठेका तो हमारा है,हम चाहे जैसे देश चलाएंगे,पर वो भूल गए हैं शायद
हिन्दूस्तान की भूमि तब तक ही उन बदनीयत लोगों को बर्दास्त करती है,जब तक उसकी सहनशीलता जवाब नहीं देती,और जब वो अपने
पर आ जाती है तख्तेताज पलट जाया करते हैं।राजवंशो औऱ राजगद्दियां नेतस्तनाबूत हो
जाया करती हैं,क्योंकि जब जनता जागती है,तो सारे राजनेताओं की नींद उड़ जाती है,और सारे
इतिहास इसी की गवाही भी देते हैं,फिर चाहे रावण का कुशासन हो,कंस का कोहराम हो,मुगलों की बदनीयत हो या अंग्रेजों
की अकड़ हो,जनता ने सबकी
हेकड़ी निकाल कर रख दी।
अब
फिर वही समय दुहरा रहा है,पूरा
भारत अरविंद केजरीवाल के साथ है,और पूरी आप पार्टी के साथ,जो परिवर्तन के सहारे खड़ी हुई और अब परीक्षा की घड़ी में आकर खड़ी हो गई
है।और यदि ये परीक्षा आप ने पास कर ली तो समझो सारे देश में हमारी सरकार होगी और
उन सभी नेताओं पर नकेल कस जाएगी जो राजनीति को अपने बाप की जागीर समझते हैं।औऱ देश के ईमानदार लोग जो ईमानदारी से डरते हैं,वो देश सेवा राष्ट्र सेवा के लिए सामने आएंगे।और इस देश से भ्रष्टाचारी,कालाबाजरी,रेप,असुरक्षा,मंहगाई जैसी समस्याएं खत्म हो जाएंगी और हम एक नए भारत को देखेंगे।हांलाकि 2013 से नए भारत के इतिहास का अध्याय तो खिला जाना
शुरू हो गया है।अब इस शान्ति,सौहाद्र,नई
आशाएं,नई उम्मीद,नया विश्वास,से भरी हुए देश की कहानी कहां पहुंचती है,वो तो वक्त
आने पर ही पता चलेगा,लेकिन एक बात तो साफ है,परिवर्तन की जो बात निकली है वो दूर तलक जाएगी......
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